Dev Kumar
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में बापू नादकर्णी के नाम एक शानदार रिकॉर्ड दर्ज हैं वह एक टेस्ट मैच में लगातार 131 गेंद फेंकने के बाद भी एक भी रन नहीं देने का कीर्तिमान रखते है।
उन्हें सबसे 'कंजूस' गेंदबाज के तौर पर हमेशा याद किया जाता हैं, बापू नादकर्णी ने 60 साल पहले आज ही के दिन 12 जनवरी, 1964 को ही यह कारनामा करके दिखाया था।
बापू ने अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी की बदौलत 1964 में तत्कालीन मद्रास चेन्नई के कॉरपोरेशन स्टेडियम में अंग्रेजों को रन के लिए तरसा दिया था यहां खेले गए टेस्ट मैच के दौरान...
उन्होंने एक के बाद एक 131 गेंदें डाली, जिन पर एक भी रन नहीं बना, उस पारी में उन्होंने कुल 32 ओवरों में 27 मेडन ओवर डाले थे, जिनमें लगातार 21 मेडन ओवर थे और 5 रन ही दिए थे।
वे नेट्स पर सिक्का रखकर गेंदबाजी करते थे उनकी बाएं हाथ की फिरकी इतनी सधी थी कि गेंद वहीं पर ही गिरती थी टेस्ट करियर में बापू की 1.67 रन प्रति ओवर की इकोनॉमी रही थी।
बापू 41 टेस्ट मैच खेले और 9165 गेंदों में 2559 रन दिए और 88 विकेट लिए, क्रिकेट के हर डिपार्टमेंट में माहिर बापू न सिर्फ अपने स्पिन से बल्लेबाजों को नहीं बांधा, बल्कि बापू की बल्लेबाजी भी गजब की थी।
वह एक हिम्मती फील्डर भी थे, जो फील्ड पर बल्लेबाज के सामने खड़े हुआ करते थे, बापू ने इंग्लैंड के विरुद्ध 1963-64 सीरीज में कानपुर में नाबाद 122 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत को हार से बचाया था।
बापू नादकर्णी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर के दौरान कुल 500 विकेट हासिल किए थे, 1933 में नासिक में बापू का जन्म हुआ था पर 2020 में उनका मुंबई में निधन हो गया था।
ऐसी ही ट्रेंडिंग स्टोरी और इंटरेस्टिंग स्टोरीज की अधिक जानकारी के लिए नीचें दिए गए बटन पर क्लिक करें।